भास्कर तैलंग
मन बंजारा
मकड़जाल
स्थानीय साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले श्री तैलंग जी के हाइकु अनुभूति अन्तर्जाल पर प्रकाशित हुए हैं।
सम्पर्क सूत्र-
विक्रम नगर रसूलिया
होशंगाबाद [म॰प्र॰] 461001
दूरभाष- 07574-255317
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होशंगाबाद [म॰प्र॰] 461001
दूरभाष- 07574-255317
हमें सिखाती
नए नए सबक
असफलता ।
सँभाले रहो
नाज़ुक बड़ी होती
साँसों की डोर ।
घना अँधेरा
हरदम चीरता
नन्हा चिराग ।
जीवन अर्थ
काँटों खिला गुलाब
हमें सिखाता ।
झूठ के अस्त्र
कैसे जीतेंगे भला
सत्य का युद्ध ।
किस दर्जी ने
यह गगन सिला
टाँका नहीं है ।
हर ईसा को
इस धरती पर
सूली मिलती ।
साँझ होते ही
घर लौट आते हैं
उड़ते पंक्षी ।
एकान्त में
लगने लगते हैं
यादों के मेले ।
***
॥ भास्कर तैलंग ॥
आधुनिक अभिमन्यु
त्याग
प्रश्न बनी है ज़िन्दगी‚ उत्तर देगा कौन।